NPS Vatsalya Yojana क्या है?
NPS Vatsalya Yojana (एनपीएस वत्सले योजना) एक कंट्रीब्यूटरी योजना है जिसे विशेष रूप से बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है। इस योजना के तहत, आप अपने बच्चे के जन्म के समय से लेकर 18 वर्ष की उम्र तक निवेश कर सकते हैं। ये योजना लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए हैं। वैसे अगर आप सिर्फ लड़कियों के लिए कोई योजना खोज रहें हैं तो आपको हमारी वेबसाइट पर “लड़कियों के लिए 8 सरकारी योजनाएं” वाला आर्टिकल मिल जायेगा।
इस योजना को पीएफआरडीए (Pension Fund Regulatory and Development Authority) द्वारा रेगुलेट किया जाता है, जो राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) का भी संचालन करती है। यहाँ हम ये जानने की कोशिश करेंगे की क्या ये एक अच्छी scheme है parents के लिए, ताकि वो अपने बच्चों का भविष्य secure (सुरक्षित) कर सकें।
कौन कर सकता है आवेदन?
अगर हम eligibility की बात करें तो नवजात से 18 वर्ष तक के बच्चे इस स्कीम के लिए योग्य रहेंगे, क्योंकि इस स्कीम को टारगेट ही किया गया है जो यंग जनरेशन है, उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए।
इसके अलावा एक पैन कार्ड आपके बच्चे का होना जरूरी है। PAN Card बनवाना बहुत ही आसान है। आप खुद भी घर बैठे PAN कार्ड apply कर सकते हैं।
कंट्रीब्यूशन: कितनी राशि जमा कर सकते हैं?
कंट्रीब्यूशन की बात करें तो यहां पर आप ₹1000 सालाना से कंट्रीब्यूट कर सकते हैं यानी कि महीने के ₹100 से भी काम आप इसमें पैसा डाल सकते हैं और अप्पर लिमिट यहां पर कोई भी नहीं है। यानी आप अपनी सहूलियत के हिसाब से कितना भी पैसा इसमें जमा कर सकते हैं।
कंट्रीब्यूशन कौन कर सकते हैं
बच्चे के माता – पिता और या फिर गार्जियन (जिन्हें कानूनी तौर पर किसी बच्चे का अभिभावक नियुक्त किया जाता है। दोनों में से कोई भी इसके स्कीम में कंट्रीब्यूशन कर सकता है। यहाँ डिपेंड ये करेगा की अकाउंट खुलवाते टाइम कौन सा माता – पिता ने sign किये थे या फिर guardian ने, account operation के लिए power किसे दी गयी थी।
ज़रूरी दस्तावेज़
इस योजना के तहत अकाउंट खोलने के लिए बच्चे के ये सारे डाक्यूमेंट्स चाहिए:
- अगर बच्चा Minor है तो उसकी date of birth का proof चाहिए। इसके लिए नीचे दिए गए डाक्यूमेंट्स में से कोई एक डॉक्यूमेंट चल जायेगा।
- जन्म प्रमाण पत्र
- स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट
- मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट
- PAN कार्ड
- पासपोर्ट
- गार्जियन का केवाईसी (Know Your Customer) इसमें पहचान पत्र और रिहाइश (पता ) प्रमाण पत्र देना है। इसके लिए नीचे दिए गए डाक्यूमेंट्स में से कोई भी एक
- Aadhaar
- Driving License
- पासपोर्ट
- Voter ID कार्ड
- NREGA Job Card
- National Population Register
- Guardian अगर NRI है तो इस केस में minor का NRE / NRO बैंक अकाउंट जरूरी है।
निकासी के नियम (Exit and Withdrawal)
18 साल से पहले अगर आपको पैसे निकालने की जरूरत होती है, तो कुछ विशेष परिस्थितियों (जैसे शिक्षा, गंभीर बीमारी या विकलांगता) में आप अपने कुल कंट्रीब्यूशन का 25% तक निकाल सकते हैं।
लेकिन इसमें भी एक शर्त है – ये 25% भी आप तीन साल के lock-in period के बाद ही निकाल सकते हैं और ऐसा आप बच्चे के 18 साल के होने से पहले अधिकतम तीन बार ही सकते हैं।
जब बच्चे की उम्र 18 वर्ष की हो जाएगी तब उसके पास ऑप्शन क्या है? उसके पास दो ऑप्शन है
पहला ऑप्शन | दूसरा ऑप्शन |
अगर corpus (कॉरपस) 2.5 लख रूपये से कम है – तो सारा का सारा पैसा निकाल सकते हैं | अगर corpus (कॉरपस) 2.5 लख रूपये से ज्यादा है – तो total corpus का 20% निकाल सकते हैं और बाकी 80% की annuity खरीदनी पड़ेगी |
कॉरपस – यह आपकी कुल जमा धनराशि है, जिसमें आपका योगदान, निवेश पर आय और किसी भी प्रकार की लाभांश शामिल होते हैं।
Annuity – एन्युइटी एक ऐसा तरीका है जिसमें आप अपने पैसे को एक जगह जमा करते हैं और फिर उस पैसे से आपको नियमित समय पर (जैसे हर महीने) कुछ पैसे मिलते हैं।
अब ये जो शर्त है की आपको बाकी का 80% annuity में invest करना ही पड़ेगा ये मेरे हिसाब से बहुत ही बेकार ऑप्शन है क्योंकि यहां पर जब आप पैसा निकाल रहे हो 18 वर्ष के बाद……..देखिये! किसी को पैसा कब निकालने की जरूरत पड़ती है? बच्चों की एजुकेशन के लिए, बच्चों की मैरिज के लिए, higher studies के लिए. अगर उस टाइम पर आपको सिर्फ 20% अमाउंट मिल रहा है तो आप वो सब कैसे पूरा कर पाएंगे। जो पैसा बच्चों के वर्तमान के लिये काम आना चाहिए वो उनके फ्यूचर के लिए काम आएगा। मतलब उनके आज के लिए कुछ ना कर पाना और उनकी रिटायरमेंट के लिए सोचना मेरे हिसाब से ये चीज अच्छी नहीं है।
मृत्यु होने पर
अगर minor की मृत्यु (death) होती है
तो सारा का सारा पैसा guardian को मिल जायेगा।
अगर Guardian की मृत्यु (death) होती है
तो जो दूसरा guardian है उसे खुद को नए KYC से रजिस्टर करना पड़ेगा।
अगर दोनों guardians की मृत्यु (death) होती है
तो court द्वारा जिसे भी कानूनी guardian नियुक्त किया जाता है वह contribution कर सकता है। और बच्चे के पास ये ऑप्शन होगा की जब वो 18 साल का हो जाए तो इस स्कीम से exit लेले यानी इस योजना को बंद करदे।
18 साल का होने के बाद क्या करना है?
बच्चे की उम्र 18 साल होने के बाद वो NPS Vatsalya Yojana से NPS Tier-1 (जो देश के सभी नागरिकों के लिए है) उसमें shift हो सकता है। इसके लिए आपको बच्चे के 18 साल के होने के तीन महीने के अंदर फिर से नए KYC देने होंगे।
shift होने के बाद, जो NPS Tier-1 के नियम हैं, वही नियम लागू हो जायेंगे।
टैक्स लाभ
एनपीएस वत्सले योजना में निवेश करने पर आपको कोई टैक्स छूट नहीं मिलती है। ना ही निवेश के समय और ना ही निकासी के समय टैक्स में कोई छूट का प्रावधान है। इसलिए, यह योजना केवल टैक्स बचाने के उद्देश्य से नहीं बल्कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से बनाई गई है।
जब टैक्स में कोई छूट ही नहीं दी गयी है तो कोई भला क्यूँ इस योजना में आना चाहेगा? तो वो motive क्या रहेगा जिसके लिए आप अपने बच्चे के लिए इस योजना के साथ जा सकते हैं, इसकी मैं आगे बात करुँगी।
निवेश विकल्प (Investment Choices)
इस योजना के तहत आपके पास तीन प्रमुख निवेश विकल्प होते हैं:
- डिफॉल्ट विकल्प: अगर आप कोई विकल्प नहीं चुनते हैं, तो आपके पैसे का 50% इक्विटी और 50% सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश होगा।
- ऑटो चॉइस: इसमें तीन उपविकल्प होते हैं – एग्रेसिव (Aggressive), मॉडरेट (Moderate), और कंजरवेटिव (Conservative)
- जिनमें इक्विटी का प्रतिशत Aggressive – 75%, Moderate – 50%, और Conservative – 25% होता है।
- एक्टिव चॉइस: यह उन लोगों के लिए होता है जो खुद अपने निवेश पर पूरा नियंत्रण चाहते हैं। इसमें आप इक्विटी में 75% तक, कॉर्पोरेट बांड में 100%, और गवर्नमेंट बांड में 100% तक निवेश कर सकते हैं।
NPS Vatsalya Yojana में खाता कैसे खोलें?
अगर आपने ऑफलाइन खाता खुलवाना है तो किसी भी बैंक, पोस्ट ऑफिस या फिर Point of Presence पर जाकर खाता खुलवा सकते हैं।
और अगर आपने online खाता खुलवाना है तो आपको इस वेबसाइट पर जाना है – https://npstrust.org.in/open-nps-vatsalya

निष्कर्ष
एनपीएस वत्सले योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों के दीर्घकालिक भविष्य को सुरक्षित करना है, लेकिन इसमें कुछ सीमाएं भी हैं जो मुझे बेकार लगी।
बच्चों के रिटायरमेंट के लिए निवेश करना एक अच्छा विचार हो सकता है, लेकिन यह भी देखना जरूरी है कि क्या आपके बच्चो को इस योजना से तात्कालिक लाभ मिल पायेगा। यदि आपके बच्चे की शिक्षा या विवाह के लिए पैसे निकालने की जरूरत पड़ती है तो आप पैसे नहीं निकाल पाएंगे।
साथ ही इसमें आपको 80% annuity में invest करना compulsory किया गया है जो मेरे विचार में बहुत ही बेकार idea है। बच्चों के पैदा होते ही, उनकी रिटायरमेंट के लिए सोचने से कहीं ज्यादा ज़रूरी है उनके 18 साल के होने के बाद का सोचना।
और ऊपर से इस योजना में कोई भी टैक्स benefit नहीं दिया गया है जो इस योजना को और भी कम प्रोत्साहित करने वाला बनाता है क्योंकि इससे अच्छा तो कोई mutual fund में SIP शुरू कर लेगा। वहां return भी अच्छे मिलेंगे और टैक्स में भी लाभ होगा।